Fake Vaccine: জাল ভ্যাকসিন বোঝার উপায় কী? ভুয়ো টিকাকরণ কেন্দ্র চিনবেন কীভাবে?

Last Updated:
ভুয়ো টিকাকরণ (Fake Covid vaccination)এটি এড়াতে, সবার আগে, এমন কোনও কেন্দ্রে যাবেন না যা কাউইন পোর্টালের Cowin portal) সঙ্গে যুক্ত নয়।
1/5
एक तरफ तो कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए देश में टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है, वहीं फर्जी वैक्सीन के मामले भी आ रहे हैं. एक के बाद एक कई राज्यों से ऐसी खबरें आईं, जिनमें नकली वैक्सीन लगा रहे गिरोहों का भंडाफोड़ हुआ. फेक वैक्सीन से कई लोग वाकई में बीमार हुए तो कई आगे चलकर इसके असर को लेकर डरे हुए हैं. लेकिन कुछ आसान से तरीकों से फेक वैक्सीन से बचा जा सकता है. सांकेतिक फोटो (news18 English)
एक तरफ तो कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए देश में टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है, वहीं फर्जी वैक्सीन के मामले भी आ रहे हैं. एक के बाद एक कई राज्यों से ऐसी खबरें आईं, जिनमें नकली वैक्सीन लगा रहे गिरोहों का भंडाफोड़ हुआ. फेक वैक्सीन से कई लोग वाकई में बीमार हुए तो कई आगे चलकर इसके असर को लेकर डरे हुए हैं. लेकिन कुछ आसान से तरीकों से फेक वैक्सीन से बचा जा सकता है. सांकेतिक फोटो (news18 English)
advertisement
2/5
अगर कोई सोसायटी या कॉलोनी अपने इलाके में निजी वैक्सीन कैंप लगवाने की सोच रही हो तो रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को स्थानीय अधिकारियों समेत पुलिस को इसकी जानकारी देनी चाहिए. जब तक कि इसे उनकी सहमति न मिले, आगे नहीं बढ़ना चाहिए. इससे सारी जांच-पड़ताल हो जाएगी. सांकेतिक फोटो (pixabay)
अगर कोई सोसायटी या कॉलोनी अपने इलाके में निजी वैक्सीन कैंप लगवाने की सोच रही हो तो रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को स्थानीय अधिकारियों समेत पुलिस को इसकी जानकारी देनी चाहिए. जब तक कि इसे उनकी सहमति न मिले, आगे नहीं बढ़ना चाहिए. इससे सारी जांच-पड़ताल हो जाएगी. सांकेतिक फोटो (pixabay)
advertisement
3/5
हो सके तो RWA या फिर कॉर्पोरेट कंपनियों को खुद ही आगे आकर निजी अस्पताल के साथ करार करना चाहिए कि वे उनके क्षेत्र में वैक्सिनेशन कैंप लगाएं. इससे अगर कोई फर्जी गिरोह नकली वैक्सीन लगाने के फेर में है तो निजी अस्पताल से ही जानकारी मिल जाएगी कि फलां के साथ उनका कोई संबंध नहीं. सांकेतिक फोटो (pixabay)
हो सके तो RWA या फिर कॉर्पोरेट कंपनियों को खुद ही आगे आकर निजी अस्पताल के साथ करार करना चाहिए कि वे उनके क्षेत्र में वैक्सिनेशन कैंप लगाएं. इससे अगर कोई फर्जी गिरोह नकली वैक्सीन लगाने के फेर में है तो निजी अस्पताल से ही जानकारी मिल जाएगी कि फलां के साथ उनका कोई संबंध नहीं. सांकेतिक फोटो (pixabay)
advertisement
4/5
वैक्सीन लगवाने की सोच रहे सारे लोगों को कोविन पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करना चाहिए. साथ ही ऐसे किसी सेंटर पर नहीं जाएं, को कोविन पोर्टल रजिस्टर न हो. इसके अलावा वैक्सीन लगवाने के तुरंत बाद लोगों को सेंटर पर अपने वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट की मांग करनी चाहिए. अगर कोई सर्टिफिकेट देने में आनाकानी करे, या देर लगने की बात कहे तो वो संदिग्ध हो सकता है. यानी ये फेक वैक्सीन हो सकती है. सांकेतिक फोटो ( news18 English via Serum Institute of India)
वैक्सीन लगवाने की सोच रहे सारे लोगों को कोविन पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करना चाहिए. साथ ही ऐसे किसी सेंटर पर नहीं जाएं, को कोविन पोर्टल रजिस्टर न हो. इसके अलावा वैक्सीन लगवाने के तुरंत बाद लोगों को सेंटर पर अपने वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट की मांग करनी चाहिए. अगर कोई सर्टिफिकेट देने में आनाकानी करे, या देर लगने की बात कहे तो वो संदिग्ध हो सकता है. यानी ये फेक वैक्सीन हो सकती है. सांकेतिक फोटो ( news18 English via Serum Institute of India)
advertisement
5/5
कोरोना वायरस की वैक्सीन लेने के बाद भले ही सबको बुखार, बदनदर्द या सिरदर्द जैसी समस्या नहीं होती है, लेकिन ज्यादातर लोगों को 1 से 2 दिनों तक ये मुश्किल आती है. वैक्सीन लेने के बाद ऐसे लक्षणों के लिए अलर्ट रहें और अपने साथ गए दूसरे लोगों से भी इसकी पड़ताल करें. अगर एक सेंटर पर गए किसी भी व्यक्ति में पोस्ट-वैक्सीन कोई समस्या न दिखे तो ये फेक वैक्सीन सेंटर हो सकता है. इसके संदिग्ध होने की जानकारी स्थानीय प्रशासन को दें. सांकेतिक फोटो (pixabay)
कोरोना वायरस की वैक्सीन लेने के बाद भले ही सबको बुखार, बदनदर्द या सिरदर्द जैसी समस्या नहीं होती है, लेकिन ज्यादातर लोगों को 1 से 2 दिनों तक ये मुश्किल आती है. वैक्सीन लेने के बाद ऐसे लक्षणों के लिए अलर्ट रहें और अपने साथ गए दूसरे लोगों से भी इसकी पड़ताल करें. अगर एक सेंटर पर गए किसी भी व्यक्ति में पोस्ट-वैक्सीन कोई समस्या न दिखे तो ये फेक वैक्सीन सेंटर हो सकता है. इसके संदिग्ध होने की जानकारी स्थानीय प्रशासन को दें. सांकेतिक फोटो (pixabay)
advertisement
advertisement
advertisement